जयपुर: प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा प्रेसवार्ता कर रहे हैं। इस मौके पर पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि पीएम की रैली असफल हो गई थी। इसलिए सुरक्षा में चूक का मसला उठाया गया।
धमासा न्यूज ( Dhamasa News)
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Thursday, January 12, 2023
जयसिंह मांठ के आतिथ्य में गुढा गौड़जी के टैगोर शिक्षण संस्थान में युवा दिवस सम्पन्न।
झुंझुनू, गुढा गौड़जी। राष्ट्रीय युवा दिवस पर पर टैगोर शिक्षणी संस्थान गुढ़ा गौड़जी में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष जयंसिंह मांठ के मुख्य आतिथ्य में युवा मोटिवेशन सेमिनार का आयोजन सम्पन्न हुआ।
झुंझुनू, नवलगढ। ज्ञान विहार पी जी कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस पर मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ, शिक्षाविद डॉ वीरपाल सिंह शेखावत मोटिवेशनल एक्सपर्ट रहे।
#झुंझुनू, नवलगढ। ज्ञान विहार पी जी कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस पर मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ, शिक्षाविद डॉ वीरपाल सिंह शेखावत मोटिवेशनल एक्सपर्ट रहे।
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स्वामी विवेकानंद की जयन्ती राष्ट्रीय युवा दिवस पर आज ज्ञान विहार पी जी काॅलेज के विद्यार्थियों के लिए कैरियर मोटिवेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार के मोटिवेशनल ऐक्सपर्ट टैगोर शिक्षण संस्थान गुढ़ागौड़जी के निदेशक व शिक्षाविद डाॅ. वीरपाल सिंह शेखावत थे। सेमिनार पूर्ण विधि विधान से प्रारम्भ हुआ। सेमिनार के मुख्य अतिथि डाॅ. वीरपाल सिंह शेखावत थे तथा अध्यक्षता काॅलेज प्राचार्य शीलारानी ने की। विशिष्ट अतिथि ज्ञान विहार पी जी कॉलेज के निदेशक अनिल जाखड़ थे। सेमिनार का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर व पुष्पहार पहनाकर किया,तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया । इस अवसर पर डाॅ. वीरपाल सिंह शेखावत ने काॅलेज के विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद की जीवनी से अवगत कराते हुए बताया कि प्रत्येक युवा को जीवन में कुछ बनने के लिए दृढ़ निश्चय और मजबूत आत्मबल के साथ अपना लक्ष्य निर्धारित करके अपनी मेहनत करनी चाहिए। ऐसा करने से सफलता आपके कदम चूमेगी और आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो जाओगे। उन्होंने बताया कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है, इसलिए अपने सहपाठी और भाई बहिन को आपको जो भी आता है वो बताकर उनका मार्ग दर्शन करना चाहिए, जिससे आपके ज्ञान का लाभ उनको भी मिलेगा और आपके ज्ञान में वृद्धि होगी, जिससे एक साथ दो पेड़ लगेंगे और वो समय पर अच्छे फल देंगे। अतः प्रत्येक विद्यार्थी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। जिससे प्रेम व भाईचारा बढ़ता है और समाज में बुराईयां नहीं फैलती हैं। इस प्रकार युवा विद्यार्थी देश को शीर्ष पर पहुंचा देंगे और अपना देश विश्वगुरु बनेगा।
इस अवसर पर ज्ञान विहार पी जी कॉलेज के निदेशक अनिल जाखड़ ने बताया कि जो विद्यार्थी अपने माता पिता व गुरुजनों का कहना मानता है व उनकी आज्ञा का पालन करता है उसे जीवन में कभी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को पतंग उड़ाते समय प्लास्टिक के चाइनीज़ मांझे का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर काॅलेज के विद्यार्थी सचिन कुमार ने अपने शानदार उद्बोधन में बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी को सहिष्णुता व आपसी सामंजस्य के साथ रहना चाहिए। सभी को अपने माता पिता की परिस्थिति के अनुसार अपनी पढ़ाई करनी चाहिए और उनका काम में हाथ बटाना चाहिए। कार्यक्रम में काॅलेज निदेशक अनिल जाखड़ व प्राचार्य शीलारानी ने डाॅ. वीरपाल सिंह शेखावत का काॅलेज का मोमेंटो व कैलेण्डर भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य शीलारानी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि प्रत्येक युवा को स्वामी विवेकानंद बनने के लिए विवेकानंद की तरह स्वाध्याय करना चाहिए। स्वाध्याय युवाओं के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन ज्ञान विहार पी जी कॉलेज के सहायक निदेशक रामचंद्र चाहर ने किया। इस अवसर पर काॅलेज के विद्यार्थी व सम्पूर्ण शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित था।
Sunday, November 20, 2022
ओवरलोड डम्पर मौत बनकर घूम रहे हैं सड़क पर, प्रशासन एक्शन ले तो बच सकती है जिंदगी।
#झुंझुनू,गुढा गौड़जी। ओवरलोड डम्पर धड़ल्ले से रोड़ पर दौड़ रहे हैं। डम्परों से रा.उ.मा.विद्यालय के सामने बालू मिट्टी का भराव किया जा रहा है जिसमें डम्पर अवैध रूप से ओवरलोड बालू मिट्टी लेकर आते हैं जिससे रोड़ पर चलने वाले दुपहिया वाहनों के सवारों के आंखों में उड़ उड़ कर मिट्टी गिरती है जिससे दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है। प्रशासन को इन अवैध मिट्टी ढुलाई कर रहे डम्परों पर अंकुश लगाना चाहिए वरना निकट भविष्य में कोई भारी दुर्घटना होने का अंदेशा है।
Sunday, July 10, 2022
झुंझुनू, नवलगढ। साइंस पार्क रोड़ गंदे पानी की झील बनी, लोग गंदे पानी से हैं परेशान।
झुंझुनू, नवलगढ। सीकर झुंझुनू मैन रोड़ के गंदे पानी के नाले को बीच में से तोड़कर नगरपालिका कर्मचारियों ने गंदे पानी को साइंस पार्क रोड़ पर खोल दिया है । इस रोड़ पर पैदल व वाहन से चलने में बड़ी परेशानी हो रही है। इस गंदे पानी से साइंस पार्क रोड़ झीलनुमा बनकर बदबू मारती रहती है। लोगों का इस क्षेत्र में रहना दुभर हो रहा है। इस गंदे पानी से साइंस पार्क में आने वाले पर्यटकों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस रोड़ पर अनेक प्रशासनिक अधिकारियों के सरकारी क्वार्टर, शिक्षण संस्थाएं व दुकानें भी अवस्थित हैं। आम जनता ने अनेक बार नगरपालिका प्रशासन को सूचित भी कर दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। देखते हैं जन प्रतिनिधियों की आंखें कब खुलती हैं आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए।
Wednesday, June 22, 2022
राष्ट्रपति चुनावः विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा क्या उपयुक्त उम्मीदवार हैं ?
21 जून को विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अपने साझा उम्मीदवार की घोषणा की। अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ‘अच्छा उम्मीदवार’ बताया। स्वयं यशवंत जी भी पिछले कुछ समय से लगातार ‘अच्छी-अच्छी बातें’ करते नजर आ रहे थे। वह भाजपा की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों की जमकर आलोचना कर रहे थे। विपक्षी एकता आदि के लिए शरद पवार के साथ मिलकर कुछ बैठकें भी की थीं। ऐसी एक बहु-प्रचारित बैठक के आयोजन में प्रशांत किशोर की अहम भूमिका रही। लेकिन यशवंत जी के राजनीतिक जीवन का लंबा हिस्सा भारतीय जनता पार्टी में ही बीता है।
राष्ट्रपति चुनाव में इस बार उनका मुकाबला झारखंड की पूर्व राज्यपाल और ओडिशा की वरिष्ठ भाजपा नेता द्रौपदी मुर्मू से होगा, जिन्हें सत्ताधारी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। द्रौपदी जी ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक आदिवासी परिवार से आती हैं। सत्ताधारी भाजपा गठबंधन ने पिछली बार दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया और जिताया। इस बार उसने आदिवासी समुदाय से आने वाली एक शिक्षित और सक्रिय महिला राजनीतिज्ञ को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा हाल के वर्षों में अपने अनेक फैसलों में पार्टी के चुनावी-हितों को सर्वोपरि रखती रही है। अपने ऐसे फैसलों से वह पार्टी और आरएसएस के वास्तविक उच्चवर्णीय हिन्दू वर्चस्व से आम लोगों का ध्यान हटाने में कामयाब होने की कोशिश भी करती है। सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के रास्ते को नजरंदाज कर कारपोरेट-प्रेरित निजीकरण-विनिवेशीकरण जैसी नीतियों पर चलने वाली भाजपा के राज में दलितों-आदिवासियों-ओबीसी के आरक्षण प्रावधानों का दायरा भी संकुचित हुआ है। आरक्षण के तहत भर्तियों में पहले के मुकाबले कमी आई है।
निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग को मोदी सरकार ने कभी मंजूर नहीं किया जबकि आज रोजगार का सृजन सरकारी क्षेत्र के मुकाबले निजी क्षेत्र में ही ज्यादा किया जा रहा है। पर ‘प्रतीकात्मक-प्रतिनिधित्व की राजनीति’ करने में भाजपा का कोई जोड़ नहीं है। इसी सोच और रणनीति के तहत उसने पांच साल पहले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया था। इस बार द्रौपदी मुर्मू को बना रही है। जिन दिनों मुर्मू जी राज्यपाल थीं, झारखंड में भाजपा की रघुवर दास सरकार ने वहां के आदिवासियों पर अनेक जुल्म किये। बड़े पैमाने पर युवाओं की संदेह के आधार पर गिरफ्तारियां हुईं। किशोर-वय के लोगों और बुजुर्गों को राजद्रोह तक के मामलों में फंसाया गया। पर मुर्मू जी ने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। झामुमो गठबंधन की हेमंत सोरेन सरकार आने के बाद उन फर्जी मामलों को क्रमशः वापस लिया जाने लगा। झामुमो ने अपने घोषणापत्र में ही आदिवासियों पर थोपे गये फर्जी मामलों को वापस लेने का वादा किया था।
जहां तक विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का सवाल है, कोई नहीं जानता कि किन ठोस कारणों से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया? क्या इसलिए कि विपक्षी खेमे को सुसंगत सेक्युलर और जनपक्षी सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि का कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला तो टीएमसी के दबाव में यशवंत सिन्हा का नाम आ गया? क्या वह वाकई संयुक्त विपक्ष की तरफ से ‘अच्छे उम्मीदवार’ माने जा सकते हैं, जैसा कुछ प्रमुख विपक्षी दल दावा कर रहे हैं? देश आज जिस तरह की बड़ी राजनीतिक और संवैधानिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसमें यशवंत जी क्या सुसंगत सेक्युलर सोच और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी असंदिग्ध प्रतिबद्धता का दावा कर सकते हैं? क्या वे विपक्षी खेमे और आम लोगों में किसी तरह का राजनीतिक उत्साह जगा सकते हैं ?
संसदीय राजनीति में आने से पहले यशवंत सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। सन् 1984 में वह प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में दाखिल हुए। नौकरशाह के रूप में उनकी अपेक्षाकृत बेहतर छवि थी। प्रतिभाशाली थे। अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर में वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से जुड़े। सन् 1988 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। सन् 1990-91 के दौरान वह कांग्रेस-समर्थित चंद्रशेखर की चार महीने की सरकार में देश के वित्त मंत्री भी रहे। बाद में कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया तो सजपा की सरकार गिर गई। कुछ समय बाद वह भाजपा में आ गये और अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में सन् 1998 से 2002 के बीच वित्त मंत्री रहे। फिर 2002 से 2004 के बीच वह विदेश मंत्री भी रहे। सन् 2018 के अप्रैल महीने तक वह भारतीय जनता पार्टी में थे। फिर उनके आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या जनता दल-यू में भी शामिल होने की अटकलें लगाई गईं। लेकिन मार्च, 2021 में वह ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये।
बताया जाता है कि इसमें चर्चित चुनाव-रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अहम् भूमिका थी। सिन्हा की तरह किशोर भी बिहार से आते हैं। यशवंत जी ने बाद के दिनों में बिहार की बजाय झारखंड को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। हजारीबाग से वह कई बार सांसद चुने गये। इस समय उनके बेटे और पूर्व वित्त-राज्यमंत्री जयंत सिन्हा हजारीबाग से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। जयंत ने 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा के टिकट पर लड़कर चुनाव जीता। सन् 2018 में रामगढ़ के कुख्यात लिंचिंग मामले के दोषियों को फूल-माला देकर लड्डू खिलाते हुए उनकी तस्वीरें मीडिया में छायी रहीं। भाजपा छोड़ने से पहले यशवंत सिन्हा का भी कई बार सांप्रदायिक-तनाव के मामलों में नामोल्लेख हुआ। सन् 2017 के अप्रैल महीने में रामनवमी के दौरान एक प्रतिबंधित रूट पर जुलूस निकालने पर आमादा पूर्व केंद्रीय मंत्री को झारखंड पुलिस ने हजारीबाग में हिरासत में लिया। बड़कागांव के महूदी गांव के पास सांप्रदायिक तनाव फैल गया। यशवंत के साथ स्थानीय विधायक और भाजपा वह बजरंग दल के कई नेता-कार्यकर्ता भी हिरासत में लिये गये थे।
झारखंड पुलिस ने उस मौके पर संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर बताया कि पिछले कई दशकों से उक्त रूट पर कभी रामनवमी जुलूस नहीं निकलने दिया गया। सांप्रदायिक माहौल को दुरुस्त रखने के लिए ऐसा किया जाता रहा। इस बार भी उक्त रूट को जुलूस के लिए प्रतिबंधित किया गया। पर यशवंत सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेता ने स्थानीय नेताओं और समर्थकों को लेकर यहां जुलूस निकालने की कोशिश की। इसलिए उन सबको हिरासत में लिया गया। वैसे भी उक्त इलाके में धारा 144 लागू थी। प्रशासन के लिए परेशानी पैदा करते हुए सिन्हा अपने समर्थकों के साथ वहीं धरना पर बैठ गये। उनके समर्थकों की तरफ से पत्थरबाजी भी हुई। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। उस मामले में सिन्हा को उनके तत्कालीन सहकर्मियों के साथ तब हिरासत में लिया गया।( इंडियन एक्सप्रेस में 5 अप्रैल, 2017 को छपी ‘रामनवमी इन हजारीबाग-बीजेपी लीडर्स लिडिंग प्रोसेसन डिटेन्ड’ शीर्षक रिपोर्ट पर आधारित)। यशवंत सिन्हा अगर जनता के सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक मसलों पर किसी आंदोलन या अभियान के दौरान हिरासत में लिये गये होते तो उनकी उक्त गतिविधि पर औचित्य का सवाल उठाना सही नहीं होता। पर वह सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की एक नितांत निन्दनीय गतिविधि को अंजाम देते हुए हिरासत में लिये गये थे। इसलिए वह घटना उनके राजनीतिक करियर पर काले धब्बे की तरह है। खासतौर पर आज जब स्वयं सिन्हा और उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने वाले राजनीतिक दल उन्हें लिबरल और सेक्युलर राजनीतिज्ञ के रूप में पेश करने की हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं। हजारीबाग के ऐसे अन्य मामलों में भी उनकी संलिप्तता बताई जाती रही। पर वे मामले बडकागांव कांड की तरह चर्चित नहीं हुए। यशवंत सिन्हा की जो छवि बीते कुछ सालों में मीडिया या सोशल मीडिया में उनके समर्थकों, खासकर अन्ना अभियान और आम आदमी पार्टी से पूर्व में जुड़े रहे कुछ सोशल एक्टिविस्ट, वकील और कुछ पत्रकारों ने बनाई, वह अब मोदी-शाह की भाजपा से उनकी निराशा के मौजूदा दौर में काम आ रही है। श्री सिन्हा जिन दिनों केंद्र में वरिष्ठ मंत्री थे, इन पंक्तियों का लेखक देश के एक प्रमुख हिन्दी अखबार के लिए संसद की गतिविधियों को ‘कवर’ करता था। उन दिनों पत्रकारों के बड़े हिस्से में उनकी छवि बेहद एरोगेंट मंत्री की थी। संभवतः निर्वाचित जन प्रतिनिधि और सरकार के वरिष्ठ मंत्री के उनके व्यक्तित्व पर नौकरशाही में बड़े पद पर उनके लंबे कार्यकाल की अतीत-छाया भी मंडराती रहती थी।
ध्यान देने की बात है कि य़शवंत जी ने भाजपा से सन् 2018 में अपने को अलग किया। सन् 2014 में मोदी-शाह की भाजपा का सत्तारोहण हो चुका था। यही नहीं, जिन दिनों उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी, अयोध्या की बाबरी मस्जिद ध्वस्त की जा चुकी थी। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई के दौर में कोई दूसरी भाजपा नहीं थी। उसका मूल विचार और भारत के बारे में दृष्टि वही थी, जो आज मोदी-शाह के दौर में है। फर्क सिर्फ क्रियान्वयन के तरीके और नेताओं के विचारों के प्रकटीकरण के रूप में है। इसके पीछे भी मूल कारण रहा-वाजपेयी-आडवाणी की भाजपा का संसद में अल्पमत में होना या सरकार चलाने के लिए अनेक गैर-भाजपा दलों पर निर्भर होना। इसलिए तब भाजपा ने ‘टैक्टिस’ के तौर पर अपना आज जैसा ‘उग्रतर हिन्दुत्ववादी-कारपोरेटवादी चेहरा’ नहीं दिखाया था। लेकिन तब भी वह एक उग्र हिन्दुत्ववादी और कारपोरेटवादी पार्टी थी। विनिवेश मंत्रालय उसी दौर में बना। कर्मचारियों की पेंशन पर उसी दौर में ‘हमला’ हुआ। आर्थिक सुधारों की लहर में उसी समय अनेक कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया गया। कई प्रमुख सरकारी उपक्रमों का निजीकरण/विनिवेशीकरण हुआ।।
यशवंत जी उन दिनों उस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे और पार्टी या संघ परिवार के हर संगठन की गतिविधियों या फैसलों का आमतौर पर समर्थन करते थे या कुछेक पर खामोश रह जाते थे। हां, ये बात सही है कि आरएसएस उन्हें भी जसवंत सिंह की तरह ‘बाहरी’ ही समझता था। अप्रैल, 2014 में यशवंत सिन्हा ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का गुजरात दंगों को लेकर जमकर बचाव किया था। उन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप के ‘हेडलाइन्स टुडे’ से बातचीत में कहा कि नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगे के लिए कत्तई माफी नहीं मांगना चाहिए। बेवजह 12 साल पुराने मामले को उभारा जाता है ताकि मोदी जी को ‘कार्नर’ किया जा सके।(हेडलाइन्स टुडे, इंद्रजीत कुंडू, 16 अप्रैल, 2014)। मजे की बात है कि उस समय तक भाजपा ने यशवंत जी के बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग से टिकट देने का ऐलान कर दिया था। यशवंत सिन्हा के राजनीतिक अवसरवाद के ऐसे अनेक उदाहरण दिये जा सकते हैं।
ऐसे यशवंत सिन्हा को भारत की संसदीय राजनीति में अपने को सेक्युलर और लोकतांत्रिक बताने वाला विपक्षी खेमा अगर राष्ट्रपति के लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाता है तो इसे सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण कहने से काम नहीं चलेगा। संयुक्त विपक्ष का यह निहायत असंगत, अतार्किक और अ-दूरदर्शी फैसला है। जिन दलों ने एक समय केआर नारायणन जैसे बड़े विद्वान, कूटनीतिज्ञ, शिक्षाविद् और सेक्युलर चिंतक को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया और जिताया, वे अगर आज यशवंत सिन्हा जी जैसे राजनीतिक अवसरवादी और असंगतियों से भरे महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ को अपनी तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर आगे किये हुए हैं तो इसे बड़ी विडम्बना के अलावा और क्या कहा जा सकता है!
(उर्मिलेश वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं।)
Tuesday, June 21, 2022
झारखंड की पहली महिला आदिवासी पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु NDA की राष्ट्रपति प्रत्याशी होंगी ।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड की पहली महिला आदिवासी पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु NDA की प्रत्याशी होंगी व विपक्ष के प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा छोड़ टीमसी में गये यशवंत सिन्हा होंगे।
Saturday, June 4, 2022
2010 में ₹5 लाख से शुरु करके ₹800 करोड़ की संपत्ति: जानिए क्या है ‘यंग इंडियन’ से गाँधी परिवार का नाता, क्यों राहुल-सोनिया हैं ED के घेरे में ?
नेशनल हेराल्ड (National Herald) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) और उनके बेटे राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) को तलब किया है। ईडी के अनुसार, गाँधी परिवार द्वारा नियंत्रित एनजीओ, जिसकी शुरुआत 2010 में केवल 5 लाख रुपए से हुई थी, अब उसकी संपत्ति 800 करोड़ रुपए से अधिक है। इस समय हेराल्ड हाउस के बाहर एक पासपोर्ट कार्यालय है।।
यह कहानी 2008 में शुरू होती है, जब नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) लगभग बंद होने की कगार पर थी। यह वह समय था, जब AJL के मालिक कॉन्ग्रेस ने छपाई और प्रकाशन व्यवसाय को बंद कर दिल्ली, मुंबई, पंचकूला, लखनऊ और पटना के प्रमुख स्थानों पर मौजूद इसकी प्रॉपर्टी से कमाई का दूसरा विकल्प तलाशा। कंपनी ने अखबार छापना भी बंद कर दिया। कॉन्ग्रेस पार्टी ने इन शहरों के प्राइम लोकेशनों पर मौजूद इसकी प्रॉपर्टी को उस समय औने-पौने दामों में खरीदी थी, जब संबंधित राज्यों में उसकी सरकारें हुआ करती थीं।
2010 के नवंबर में सोनिया गाँधी, ऑस्कर फर्नांडीज और गाँधी परिवार के कुछ अन्य करीबियों ने एक नई कंपनी ‘यंग इंडियन’ बनाई। जब यह कंपनी अस्तित्व में आई तो इसके पास सिर्फ 5 लाख रुपए की पूँजी थी। कुछ ही समय बाद कथित रूप से इसने कोलकाता स्थित एक शेल कंपनी से 1 करोड़ रुपए का लोन लिया, ताकि यह कॉन्ग्रेस पार्टी के साथ एजेएल और उसकी सभी संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए लेन-देन कर सके। आज की तारीख में सोनिया गाँधी, उनके बेटे राहुल गाँधी और बेटी प्रियंका गाँधी यंग इंडियन कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर हैं। इसकी अब पूरे देश में 800 करोड़ रुपए की संपत्ति है। 2017 में आयकर विभाग ने यंग इंडियन द्वारा एजेएल के अधिग्रहण को चुनौती दी। आईटी विभाग के आरोपों को खँगालने के बाद सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की आयकर रिटर्न की फाइल फिर सवालों के घेरे में आ गई थी।
आयकर विभाग ने भी यंग इंडियन के द्वारा एसोसिटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की खरीद को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने आयकर विभाग के आरोपों की पुष्टि की थी और उसे सोनिया और राहुल गाँधी के आईटी रिटर्न खोलने की इजाजत भी दी थी, जिनके पास यंग इंडियन का अधिकांश शेयर है। दरअसल, यंग इंडियन को सेक्शन 25 के तहत एक चैरिटेबल संस्था बनाई गई थी, जिसे टैक्स से छूट दी गई थी। गाँधी परिवार की कंपनी ने आयकर विभाग में इस छूट के लिए मार्च 2011 को आवेदन दिया था, जब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस की सरकार थी और 9 मई 2011 को बिना किसी दिक्कत के इसे मंजूरी भी दे दी गई। एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में पंजीकृत होने के बावजूद यंग इंडियन ने पब्लिशिंग हाउस होने की आड़ में संपत्तियों का अधिग्रहण करना शुरू कर दिया। इसे वर्ष 2010-11 में भी टैक्स में छूट प्राप्त हुआ। यंग इंडियन अपनी बेशकीमती संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए संघर्ष कर रही है, जिसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस भी शामिल है। इसकी अनुमानित कीमत करोड़ों में है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने इसकी लीज इस आधार पर रद्द कर दिया था कि अखबार छापने की जगह इसका इस्तेमाल वित्तीय फायदे के लिए किया जा रहा है, जो कि लीज के नियमों का उल्लंघन है। गाँधी परिवार ने इस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज किया जा चुका है। पंचकूला की प्रॉपर्टी भी पहले ही ईडी जब्त कर चुकी है। सोनिया और राहुल गाँधी को प्रवर्तन निदेशालय अधिकारियों के सामने कंपनी की इन्हीं के बारे में बताना है। बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस, एजेएल द्वारा अधिग्रहित पहली संपत्तियों में से एक था। इमारत वर्तमान में भारत सरकार को किराए पर दी गई है, जो अपने परिसर में एक पासपोर्ट सेवा केंद्र चलाती है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने वर्तमान में सैकड़ों करोड़ की कीमत के आवंटन खंड के उल्लंघन का हवाला देते हुए अपनी लीज डीड रद्द कर दी है। संपत्ति के कब्जे को लेकर गाँधी परिवार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगने के बाद 2019 में ईडी ने पंचकूला में एजेएल द्वारा अधिग्रहित 65 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। गाँधी परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला एजेएल के स्वामित्व वाली संपत्तियों के अधिग्रहण के बाद यंग इंडियन को ट्रांसफर किए जाने के बाद शुरू हुआ। ईडी ने जमीन की जानकारी का खुलासा करते हुए बताया कि प्लॉट नंबर सी-17, सेक्टर 6, पंचकूला को एजेएल को तत्कालीन हरियाणा के सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने 1982 में पहली बार आवंटित किया था। कंपनी द्वारा वाणिज्यिक हितों के लिए भूमि का उपयोग करते पाए जाने के 10 साल बाद आवंटन रद्द कर दिया गया था। हालाँकि, वही जमीन कंपनी को 2005 में महज 59.39 लाख रुपए में आवंटित की गई थी। इसी तरह मई 2020 में ईडी ने मुंबई के बांद्रा में एजेएल की संपत्ति को कुर्क किया, जिसमें एक 9 मंजिला इमारत भी शामिल है। इसकी कीमत 16.38 करोड़ रुपए है। ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से संबंधित कुर्की आदेश एजेएल और उसके चेयरमैन-सह-मैनेजिंग डायरेक्टर रहे मोती लाल वोरा के खिलाफ जारी किया गया था।
Thursday, June 2, 2022
कश्मीर में आतंकी हमले में मारा गया राजस्थान का लाल, दो माह पहले ही हुई थी शादी।
Nohar: हनुमानगढ़ जिले के भगवान गांव निवासी कश्मीर में बैंक मैनेजर विजय बेनीवाल की आज कश्मीर के कुलगांव में आतंकियों द्वारा हत्या करने से पूरे जिले में शोक की लहर है. जिले की नोहर तहसील के भगवान निवासी विजय बेनीवाल के पिता ओमप्रकाश अध्यापक हैं और विजय बेनीवाल की दो साल पहले कश्मीर में नौकरी लगी थी और विजय बेनीवाल की दो माह पहले ही शादी हुई थी. विजय की हत्या की खबर से पूरे गांव में मातम पसर गया।
बेटे की हत्या पर मृतक के पिता ओमप्रकाश का कहना है कि जिस तरह कश्मीर में बाहर के लोगों को टारगेट किया जा रहा है. उस तरह वहां काम करना आसान नहीं होगा और इसके लिए सरकार को कोई ठोस रणनीति बनानी चाहिए. सूचना मिलने पर नोहर पुलिस भी गांव पहुंची. वहीं, ग्रामीणों सहित जिले के नागरिकों ने विजय की हत्या पर आक्रोश और दुःख जताते हुए बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं को रोकने और कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग रखी है।।
गौरतलब है कि आतंकियों ने आज सुबह बैंक में घुसकर गोलियां चला दी, आतंकी हमले में गोली लगने से गंभीर घायल विजय बेनीवाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां विजय की मौत हो गई.विजय कुलगाम जिले के एलाकी देहाती बैंक (EDB) में मैनेजर पद पर कार्यरत थे. हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और अर्द्ध सैनिक बल की एक संयुक्त टीम ने आतंकियों का पता लगाने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी. आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।।
नोहर थानाधिकारी रविंद्र सिंह नरुका ने बताया कि मृतक विजय बेनीवाल नोहर के गांव भगवान का रहने वाले है. विजय कश्मीर के एक बैंक ईडीबी में कार्यरत था. उसके पिता ओमप्रकाश सरकारी स्कूल में अध्यापक के पद पर तैनात है. मृतक विजय बेनीवाल की शादी इसी साल की 10 फरवरी को हुई थी।
Saturday, May 7, 2022
नवलगढ SBI बैंक में नये नोटों की गड्डियों की कमीशनखोरी धड़ल्ले से हो रही है।
नवलगढ SBI बैंक में नोटों की गड्डियों की कालाबाजारी
नवलगढ़ । क्षेत्र में 10₹ के नये नोट की गड्डी की कालाबाजारी चरम पर है। SBI बैंक से ही नए नोट की कालाबाजारी की शुरुआत हो रही है। व्यापारी सुरेंद्र ख्यालिया की मानें तो आम उपभोक्ताओं की इस परेशानी की पूर्ण जिम्मेदार बैंक ही हैं,उन्होंने बताया कि स्थानीय मुख्य बैंक के कर्मचारियों के द्वारा रोजाना नए नोट की गड्डी के लिए लिस्ट बनती है उसी के अनुसार वितरण किया जाता है।इसी का फायदा उठा कर मुख्य बाजार में 10₹ के नए नोट की गड्डी में 500₹ से भी ज्यादा की कालाबाजारी हो रही है मतलब 1000₹ के बदले 1500₹ देने पड़ रहे हैं। कमीशन अधिक देने के बाद बाजार में सभी प्रकार के नोटों की माला आपको आसानी से उपलब्ध हो जाती है। बैंक दलालों की मौज है,बैंक अधिकारी दलालों से मिलकर चांदी कूट रहे हैं । आम नागरिक ठगे जा रहे हैं, प्रशासन मौन है।
Wednesday, March 23, 2022
Story of cruelty: 12 साल के बच्चे से दिन भर काम लेते दम्पत्ति, रात में कुकर्म करते, भागे नहीं इसलिए पैर काट दिए, रेंगता हुआ सड़क पर आया बच्चा।
जयपुर । उसकी उम्र ग्यारह साल कुछ महीने थी जब वह बिहार से जयपुर लाया गया था। बिहार से जयपुर लाए गए बच्चे को चूड़ी बनाने का काम सिखाने के बहाने एक घर में बेच दिया गया और जिसने उसे खरीदा उसने हैवानियत की ऐसी हदें पार कर दीं कि शैतान भी शर्मा जाए। मामला जब खुला तो पुलिस और चाइल्ड हैल्प लाइन के साथ ही आस पड़ोस में रहने वाले लोग भी हैरान रह गए। हैवानियत करने वाले दम्पत्ति में से महिला को पुलिस ने पकड लिया है, उसका पति फरार है। बच्चे की देखभाल चाइल्ड हैल्पलाइन टीम कर रही है और केस की जांच शास्त्री नगर थाना पुलिस कर रही है।. सवेरे पांच बजे पड़ोसी की छत पर रेंगता हुआ नीचे उतरा तो दहल गए लोग चाइल्ड हैल्प लाइन की टीम ने बताया कि शास्त्री नगर में एक बच्चे के बारे में सूचना मिली थी कि उसे पर अमानवीय अत्याचार हुए हैं। बच्चे से जब मिले तो कलेजा मुंह को आ गया उसकी हालत देखकर। बाद में पुलिस के साथ उस घर में रेड की जहां पर बच्चा बंद था। वहां से मकान मालकिन को पकडा गया। टीम के सदस्यों ने बताया कि बच्चे गले, पेट, पीट, जांघ, घुटने और हिप्स पर चोट के निशान थे। पैरों के तलवों पर चाकू से काटा गया था ताकि वह भाग नहीं जाए। रेंगकर वह घर का काम करता था। फिर चाहे झाडू लगाना हो या पौंछा लगाना। हर दूसरे दिन उससे मारपीट की जाती थी और उसके रोने की आवाज को बाहर तक नहीं जाने देने के लिए तेज आवाज में गाने बजाए जाते थे। जब बच्चे ने बताया कि उसने सात महीने के बाद धूप देखी है तो एक बार तो पुलिस वाले भी परेशान हो गए। टीम ने बताया कि दो दिन पहले मकान मालकिन ने उसे कहा था कि वह छत पर सवेरे पांच बजे झाडू लगाएगा। वह पहली बार ही छत पर गया और उसके बार रेंगता हुआ पडोसी की छत से नीचे उतर आया। पडोसियों ने अन्य लोगों और पुलिस एवं चाइल्ड हैल्पलाइन वालों को सूचित किया तब जाकर पूरा मामला खुलकर सामने आया ।. मैं रोता रहता... साहब मेरे साथ गंदा काम करते रहते..... बच्चे ने पुलिस को बताया कि गांव के ही किसी व्यक्ति के साथ जयपुर आया था और उसके बाद यहां आ गया। यहां उसे एक दम्पत्ति को को बेच दिया गया। सात महीने तक उससे जानवरों की तरह सवेरे सात बजे से रात बारह बजे तक घर का काम कराया गया। उसके बाद उसे खाने के लिए पानी और बिस्कीट दिए जाते थे। बच्चे ने पुलिस को बताया कि मालकीन दिनभर काम कराती और रात को जब सोने जाता तो मालिक आकर मुंह दबाकर गंदा काम करते। बहुत दर्द होता था लेकिन वह किसी को बोल भी नहीं सकता था। बच्चे ने पुलिस को बताया कि सात महीने में एक बार भी माता पिता से बात नहीं कराई गई। पुलिस ने पत्नी को अरेस्ट कर लिया है। पति फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।.
Thursday, January 20, 2022
CM सलाहकार व नवलगढ MLA राजकुमार शर्मा के सरकारी बंगले में युवती निशा शर्मा का हंगामा।
पुलिस को धमकाया : विधायक के बंगले पर तुम्हारा क्या काम ?
#धमासान्यूज
जयपुर ।
सीएम के सलाहकार और नवलगढ़ विधायक डॉ राजकुमार शर्मा के जयपुर स्थित सरकारी बंगले पर युवती निशा शर्मा ने जमकर हंगामा किया। इस पर इसकी सूचना बजाज नगर थाने को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो युवती पुलिस को भी धमकाने लगी। युवती ने पुलिस को धमकाया कि विधायक के आवास पर पुलिस क्या करने आई है और क्यों आई है। युवती ने पुलिस अधिकारियों को भी धमकी दी कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। युवती ने कहा यह मामला मेरा और डॉ राजकुमार शर्मा के बीच का है किसी को बीच में आने की कोई जरुरत नहीं है। पुलिस ने युवती को गिरफ्तार किया और बजाज नगर थाने लेकर आई।
बजाज नगर थाना अधिकारी शीशराम मीणा ने बताया कि घटना बुधवार दोपहर 2 बजे की है, जब एक युवती निशा शर्मा विधायक निवास पर गई तथा हंगामा करने लगी। युवती से पूछताछ के दौरान युवती बिफर गई। गिरफ्तार युवती निशा शर्मा (39) वार्ड नंबर 9 नवलगढ़ झुंझुनू की रहने वाली है। इससे पहले भी युवती ने विधानसभा चुनावों के दौरान विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए रामदेवरा चौक नवलगढ में धरना प्रदर्शन कर विधायक राजकुमार शर्मा के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज करवाया था। फिलहाल पुलिस युवती से पूछताछ कर रही है।
Friday, January 14, 2022
10 पत्नियों के साथ रहता है युवक, बताया- कैसे बदली जिंदगी ?
इस मॉडल ने एक साथ 9 महिलाओं संग शादी रचाई. मॉडल पहले से भी शादीशुदा था. इस तरह उसकी 10 पत्नियां हो गई हैं। मॉडल ने खुद इस बारे में बताया है।
- साथ 9 महिलाओं संग शादी रचाई
- मॉडल पहले से भी शादीशुदा था
- उसकी 10 पत्नियां हो गई हैं
एक साथ 9 महिलाओं के साथ शादी कर ब्राजील के मॉडल आर्थर ओ उर्सो (Arthur O Urso) सुर्खियों में आ गए. आर्थर पहले से ही शादीशुदा थे, लेकिन 'Free Love' का जश्न मनाने और 'एक विवाह' के विरोध में उन्होंने 9 और महिलाओं से शादी रचाई. इस तरह कुल मिलाकर आर्थर की 10 पत्नियां हैं.
हालांकि, शादीशुदा आर्थर मोटापे के कारण बेहद परेशान रहते थे. ऐसे में उन्होंने इससे निजात पाने की ठानी और धीरे-धीरे एक दो नहीं बल्कि 28 किलो वजन कम किया. आर्थर का वजन 100 के पार चला गया था. वजन कम करने के बाद आर्थर ने मॉडलिंग शुरू कर दी. Arthur O Urso का कहना है कि अगर वह वजन कम नहीं कर पाए होते तो वे 9 महिलाओं के साथ शादी नहीं कर पाए होते।
'डेली स्टार' के मुताबिक, इसी बीच जब उन्होंने 9 महिलाओं संग एक साथ शादी रचाई, तो चर्चा में आ गए. आर्थर ओ उर्सो की सबसे पहली पत्नी का नाम लुआना काजाकी (Luana Kazaki) है. आर्थर की जिंदगी कैसे बदली, खुद उन्होंने बताया है.
बकौल आर्थर वो सोमवार से शनिवार तक जिम में पसीना बहाते और रविवार को आराम करते. अपने खान-पान के बारे में बताते हुए आर्थर ने कहा- "मैंने इस दौरान ऐसा खाना नहीं खाया जिसमें नमक, चीनी या फैट हो. संतुलित आहार लेने का सख्त नियम बनाया."
आर्थर ने कहा कि मैंने आराम से खाना शुरू कर दिया. घर से ज्यादा नहीं निकलता था. इन सबके बीच मैं अवसाद में भी चला गया, लेकिन नई जीवन शैली अपनाकर वजन कम करने में कामयाब रहा. आर्थर का दावा है कि प्रभावशाली वजन (28 किलो के करीब) घटाने के बाद उसका जीवन बहुत आसान हो गया है. अब उसके आकर्षक लुक पर महिलाएं फिदा हो जाती हैं।
इससे पहले, आर्थर और उनकी पत्नी लुआना ने दुनिया भर के लोगों को यह बताकर चौंका दिया था कि वे सब्सक्रिप्शन आधारित एक वेबसाइट पर हर महीने 50 लाख रुपये से अधिक की मोटी कमाई करते हैं. अपने ओपन रिलेशनशिप को लेकर आर्थर और लुआना काफी चर्चा में रहे।
Thursday, January 13, 2022
एसपी ने कहा -हम कहीं से भी पकड़ कर ले आएंगे बलात्कार करने वाले दरीदों को।
अलवर । मूकबधिर गेंगरेप
एसपी ने कहा -हम कहीं से भी पकड़ कर ले आएंगे बलात्कार करने वाले दरीदों को अलवर. मूक बधिर नाबालिग के साथ दरिदंगी करने वाले दरिंदे आखिर कौन थे? अलवर पुलिस को अब तक इस बारे में कुछ नहीं पता चल सका है। दरिंदों की तलाश में पुलिस की कई टीमें जुटी हुई हैं। बुधवार को जयपुर रेंज आईजी संजय क्षोत्रिय घटनास्थल का निरीक्षण किया। वहीं, एफएसएल जयपुर की टीम ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए साक्ष्य जुटाए। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम का कहना है कि हम दिन रात सुराग में लगे हैं। बलात्कार करने वालों को कहीं से भी पकड़ कर ले आएंगे।। इस सनसनीखेज मामले में अभी तक पुलिस की पड़ताल कई धुरी पर घूम रही है, लेकिन अभी पुलिस को ठोस सुराग हाथ नहीं लग सके हैं। एसपी ने एसआईटी गठित की, पांच अन्य टीमें भी लगीमूक बधिर नाबालिग से गैंगरेप कर तिजारा फाटक ओवरब्रिज के ऊपर फेंकने की सनसनीखेज मामले में जांच के लिए जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने एसआईटी गठित की है। वहीं, पांच अन्य पुलिस की टीमें मुल्जिमों की तलाश में जुटी हुई है। इसमें जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम के नेतृत्व में एक एएसपी, तीन डीएसपी, छह थानों के एसएचओ और साइक्लोन सैल की टीमें गहनता से पड़ताल में जुटी हुई है। मामले की जांच डीएसपी ग्रामीण अमित सिंह को सौंपी गई है तथा जयपुर में पीडि़ता की देखदेख के राजगढ़ डीएसपी अंजली जोरवाल का भेजा गया है। जयपुर रेंज आईजी और एफएसएल टीम ने जायजा लियामूक बधिर नाबालिग से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना के अगले दिन बुधवार को पहले जयपुर से एफएसल की टीम आई। टीम ने तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और मौके से साक्ष्य जुटाए। इसके बाद दोपहर में जयपुर रेंज आईजी संजय क्षोत्रिय अलवर आए। पुलिस जांच में जुटीमूक बधिर नाबालिग के साथ गैंगरेप कर ओवरब्रिज पर फेंक जाने की घटना को लेकर पुलिस की छह टीमें गहनता से अनुसंधान में जुटी है। पुलिस घटना से जुड़े सभी एंगलों पर गहनता से जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस को मुल्जिमों के बारे में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। जल्द ही मुल्जिमों के बारे में सुराग लगने की उम्मीद है। - तेजस्विनी गौतम, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।
Thursday, January 6, 2022
पीसीसी चीफ डोटासरा बोले, पीएम की रैली असफल हो गई थी, इसलिए सुरक्षा में चूक का मसला उठाया गया।
पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि जब बिना देश को सूचना दिए पीएम बिरयानी खाने पाक चले जाते हैं. तब खतरे की बात नहीं दिखी। पंजाब का सीएम भला व्यक्ति है. ऐसे दलित वर्ग के व्यक्ति पर लांछन लगाना ठीक नहीं. ये प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता।
डोटासरा ने कहा कि मुद्दा आप सबको पता है, किसानों के साथ केंद्र ने अत्याचार किया. तीन काले कानून लादने का काम किया. बिना संसद में चर्चा किए कानून वापस लिए। प्रधानमंत्री नया षड्यंत्र करके झूठे राष्ट्रवाद पर चुनाव लड़ना चाहते। डोटासरा ने कहा कि पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन थी. बकायदा स्टेट कैबिनेट मंत्री गए। सीएम ने भी पूछा मेरे आने की जरूरत है या नहीं. क्योंकि मेरे साथी कोरोना पॉजिटिव आए हुए हैं। पीएम पर कोई हमला नहीं हुआ।
गौरतलब है कि पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त चूक की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना दिल्ली लौट आए।
Saturday, October 23, 2021
गुड़ा के पूर्व सरपंच व वर्तमान उप प्रधान प्रतिनिधि पर जानलेवा हमला(धमासान्यूज)
झुंझुनू(धमासान्यूज)
उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के गुड़ा ग्राम पंचायत में दिनदहाड़े पूर्व सरपंच वर्तमान उप प्रधान प्रतिनिधि पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। बताया गया कि वर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा के लड़के व उसके भाई के लड़के पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया गया है। हमले की सूचना के बाद उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।
पूर्व सरपंच को गंभीर हालत में गुढ़ागौड़जी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में झुंझुनू के बीडीके अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उपचार चल रहा है।
जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर आम रास्ते को बंद कर दिया था। उप प्रधान पति व सरपंच द्वारा प्रशासन को साथ लेकर अतिक्रमण हटाकर रास्ते को खुलवा दिया गया था। अतिक्रमण हटाने के विवाद के चलते गांव में पूर्व सरपंच व उपप्रधान पति महिपाल सिंह गुड़ा पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया गया । हमले में महिपाल सिंह के हाथ व पैर में गंभीर चोट आई हैं।
उदयपुरवाटी क्षेत्र में बढ़ते अपराधों को लेकर लोगों में भय व आक्रोश का माहौल बना हुआ है।
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