Monday, August 9, 2021

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का सावरकर पर बड़ा बयान:डोटासरा बोले- सावरकरजी के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने को हम मना नहीं कर रहे, आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की बात कर गुनाह नहीं करते थे





अगस्त क्रांति दिवस पर पीसीसी में हुई विचार गोष्ठी में बोलते कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'हम इनकार नहीं करते कि स्वतंत्रता आंदोलन में वीर सावरकर शामिल नहीं हुए। आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग भी जायज थी। सावरकरजी, जो हिंदू राष्ट्र की बात करते थे, गुनाह नहीं करते थे।' सोमवार को अगस्त क्रांति दिवस पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई विचार गोष्ठी और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह में इस तरह का बयान देकर डोटासरा ने नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस पार्टी लाइन से यह बयान मेल नहीं खाता। बीजेपी अब डोटासरा के बयान का हवाला देकर सावरकर और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर कांग्रेस को घेर सकती है।

...तब संविधान लागू नहीं हुआ था

डोटासरा ने कहा- उस वक्त हमारा देश आजाद नहीं हुआ था। उस वक्त हमारा संविधान लागू नहीं हुआ था। आजादी से पहले अगर वह सावरकर हिंदू राष्ट्र की बात करते थे, तो गुनाह नहीं करते थे। देश आजाद हो गया और संविधान बन गया। सब धर्म-जाति के लोगों ने संविधान को स्वीकार कर लिया। उसके बाद उनकी विचारधारा को लेकर भाई से भाई को लड़ाने का षड़्यंत्र भाजपा-आरएसएस करते हैं। हम इनके मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे।

आंदोलन में योगदान नगण्य

डोटासरा ने कहा- हमें यह समझना पड़ेगा कि सावरकरजी उस वक्त जेलों में गए। उसको कोई नकार नहीं रहा है, लेकिन जेलों में जाने के बाद उन्होंने अंग्रेजों को चार-चार बार दरख्वास्त दी। उन्होंने अंग्रेजों को खुद के जेल से बाहर आने पर उपयोगिता समझाई। वे लोग किस-किस तरह की सूचनाएं अंग्रेजों को देते थे, वह भी सबको पता है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसलिए बलिदान नहीं दिए कि इस तरह के लोग सत्ता में आएं, जो हिटलरशाही कर रहे हैं। आज वे लोग राष्ट्रभक्त होने का दावा कर रहे हैं जिनका आजादी के आंदोलन में योगदान नगण्य है।

बयान के सियासी मायने
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सावरकर की आजादी के आंदोलन में भूमिका मान ली। आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग को भी सही ठहरा दिया। डोटासरा का यह बयान कांग्रेस की लाइन से मेल नहीं खाता। कांग्रेस का हर नेता अब तक सावरकर को अंग्रेजों का जासूस कहते रहे हैं। सावरकर की आजादी के आंदोलन में भूमिका को कांग्रेस सिरे से नकारती रही है। अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर डोटासरा का यह बयान के सियासी हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी अब डोटासरा के बयान का हवाला देकर सावरकर और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी।

कांग्रेस कर चुकी है विरोध

सावरकर को लेकर कांग्रेस शुरू से ही हमलावर रही है। स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर को पढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया था। राजस्थान में भी कांग्रेस ने बीजेपी पर शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगाए थे।

समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए PM मोदी ने UNSC को दिए पांच मंत्र, कहा- अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री सुरक्षा और सहयोग बढ़ाने के विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उच्‍च स्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे हैं। बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज आतंकी घटना और समुद्री लुटेरों के लिए समंदर के रास्तों का इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए हम इस विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समंदर से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रिया सहयोग बढ़ाने पर भारत ने कई कदम उठाए हैं। समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की ज़रूरत है। 


पीएम मोदी ने कहा कि हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों को भी संजो कर रखना होगा। समुद्री व्यापार में कोई भी बाधा वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है। वैध समुद्री व्यापार से बाधाओं को दूर करने का आह्वान करते हुए कहा कि विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने दिए पांच मंत्र

बैठक की अध्यक्षता में पीएम मोदी ने सदस्यों के सामने पांच सिद्धांत भी रखे। पीएम ने पांचों सिद्धांतों के बारे में बताते हुए कहा कि पहला हमें वैध समुद्री व्यापार से बाधाओं को हटाने चाहिए। हम सभी की समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय फ्लो पर निर्भर है। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं। 

दूसरा सिद्धांत : समुद्री विवादका समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। आपसी विश्वास और आत्मविश्वास के लिए यह अति आवश्यक है। इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।


तीसरा सिद्धांत : हमें प्राकृतिक आपदाओं और नॉन स्टेट एक्टर द्वारा पैदा किए गए समुद्री खतरे का मिल कर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं।

चौथा सिद्धांत : हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधन को संजो कर रखना होगा। जैसा कि हम जानते हैं, महासागरों की जलवायु पर सीधा असर होता है। इसलिए, हमें अपने समुद्री पर्यावरण को प्लास्टिक और तेल का रिसाव जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा।

पांचवां सिद्धांत : हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास में देशों की फिस्कल स्थिरता और अवशोषण क्षमता को ध्यान में रखना होगा।

CM गहलोत ने राजस्थान में शिक्षण संस्थाएं खोलने का निर्णय लेने के दिए निर्देश






राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरे राज्यों में खुले शिक्षण संस्थाओं के अनुभव के मद्देनजर प्रदेश में भी शिक्षण संस्थाओं को खोलने के संबंध में निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए हैं।

श्री गहलोत ने प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने के संबंध में गठित मंत्रियों की समिति को यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दूसरे राज्यों में संक्रमण की स्थिति एवं शिक्षण संस्थाओं को खोले जाने के वहां के अनुभव के मद्देनजर प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने के सम्बन्ध में उचित निर्णय ले।


उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पहली से बारहवीं कक्षा तक के स्कूल गत दो अगस्त को खोले जाने वाले थे लेकिन सरकार ने स्कूल और कॉलेज खोलने के संबंध में पांच मंत्रियों की एक समिति गठित कर दी गई। समिति ने स्कूल खोलने का निर्णय 15 दिन के लिए टाल दिया था।

देश में पंजाब, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित करीब एक दर्जन राज्यों में स्कूले खुल चुके हैं।

नहीं रहे टीवी कलाकार अनुपम श्याम ओझा







लखनऊ/प्रतापगढ़. प्रसिद्ध टीवी कलाकार और कई फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता अनुपम श्याम ओझा (Actor Anupam Shyam Ojha) का लंबी बीमारी के बाद रविवार को मुंबई के निजी अस्पताल में निधन हो गया. अनुपम यूपी के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के स्टेशन रोड के रहने वाले थे. अनुपम ओझा के निधन से प्रतापगढ़ में शोक की लहर है. अनुपम श्याम उर्फ सज्जन प्रतिज्ञा व बालिका वधू जैसे सुपरहिट सीरियल में अभिनय कर चुके है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर अनुपम श्याम ओझा के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, ” सुप्रसिद्ध अभिनेता अनुपम श्याम ओझा जी का निधन अत्यंत दुःखद है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोक संतप्त परिजनों व प्रशंसकों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”


लखनऊ से सीखी एक्टिंग

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले अनुपम श्याम ने अपने करियर की शुरुआत साल 1993 में की थी. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्रतापगढ़ से ही प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ के भारतेन्दु नाट्य अकादमी से थियेटर की पढ़ाई की. इतना ही नहीं इसके बाद वो दिल्ली के श्रीराम सेंटर रंगमंडल में काम करने लगे. इसके बाद अदाकारी का सपना लिए मुंबई चले गए.

इन फिल्मों व सीरियल में किया अभिनय

अनुपम की प्रसिद्ध फिल्मों में ‘बैंडिट क्वीन’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘द वॉरियर’, ‘थ्रेड’, ‘शक्ति’, ‘हल्ला बोल’, ‘रक्तचरित’ और ‘जय गंगा’  ‘दस्तक’, ‘दिल से’, ‘लगान’, ‘गोलमाल’ और ‘मुन्ना माइकल’ आदि शामिल हैं. इसके अलावा धारावाहिक ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’, ‘हम ने ले ली शपथ’, ‘कृष्णा चली लंदन’ और ‘डोली अरमानों की’ जैसी टीवी सीरियल्स में भी काम किया है. टीवी सीरियल ‘प्रतिज्ञा’ में ठाकुर सज्जन सिंह का किरदार निभाकर वह घर-घर में पॉपुलर हो गए थे.।

Saturday, August 7, 2021

Tokyo Olympics: अफ्रीकी देश बुर्किना फासो को ओलंपिक इतिहास का पहला मेडल मिला, जांगो ने जीता ब्रॉन्ज




Tokyo Olympics: ट्रिपल जंपर ह्यग्स फैब्रिस जांगो (Hugues Fabrice Zango) ने टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसी के साथ बुर्किना फासो (Burkina Faso) ने इतिहास रच दिया. यह उसका ओलंपिक इतिहास का पहला मेडल है. टोक्या में अब तक 86 देश कम से कम एक मेडल जीत चुके हैं.

टोक्यो. अफ्रीका देश बुर्किना फासो (Burkina Faso) को ओलंपिक इतिहास का पहला मेडल मिल गया है. ट्रिपल जंपर ह्यग्स फैब्रिस जांगो (Hugues Fabrice Zango) ने टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसी के साथ बुर्किना फासो एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाला 100वां देश बना. 10वें ओलंपिक में आखिरकार बुर्किना फासो ने मेडल लिस्ट में अपना नाम शामिल ही करा लिया.

28 साल के ह्यग्स फैब्रिस जांगो ने ओलंपिक से पहले 2019 में दोहा वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उन्होंने 17.47 मीटर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. पुर्तगाल के पेड्रो पिकार्डो ने 17.98 मीटर के साथ गोल्ड जबकि चीन के झू यामिंग ने 17.57 मीटर के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. पिकार्डो ने पहली बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है. वे दो बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीत चुके हैं.

*जांगो ने कहा था- गोल्ड के लिए उतर रहा हूं*
फाइनल मुकाबले से पहले ह्यग्स फैब्रिस जांगो ने कहा था कि उनकी नजर भी सभी एथलीट की तरह गोल्ड मेडल पर है. उन्होंने कहा कि वे यहां बेस्ट प्रदर्शन देने आए हैं. बुर्किना फासो के 7 खिलाड़ी टोक्यो में उतर रहे हैं. यह उनके ओलंपिक इतिहास का सबसे बड़ा दल है. इससे पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक में 6 खिलाड़ी उतरे थे. 2016 रियो ओलंपिक में बुर्किना फासो के 5 एथलीट उतरे थे, लेकिन कोई मेडल नहीं जीत सका था.
ओवरऑल मेडल टैली की बात करें, तो चीन 33 गोल्ड के साथ पहले स्थान पर है. उसने कुल 73 मेडल जीते हैं. वहीं, अमेरिका 27 गोल्ड सहित 85 मेडल के साथ दूसरे और मेजबान जापान 21 गोल्ड सहित कुल 41 मेडल के साथ तीसरे पायदान पर है. ऑस्ट्रेलिया ने 17 गोल्ड जीते हैं. भारत की बात की जाए तो वह एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज के साथ 66वें नंबर पर है. अब तक 86 देश कम से कम एक मेडल जीत चुके हैं.

Monday, August 2, 2021

टोक्यो ओलम्पिक की महान घटना ।





 

केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था,इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले #स्पेन_के_इव्हान फर्नांडिस के ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझ नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए ।उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला ।आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया ।इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया ।पत्रकारों ने इव्हान से पूछा "तुमने ऐसा क्यों किया ?मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?" इव्हान ने कहा "मेरा सपना है कि #हम_एक_दिन_ऐसी_मानवजाति_बनाएंगे_जो_एक दूसरे को मदद करेगी ना कि उसकी भूल से फायदा उठाएगी।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।" पत्रकार ने फिर कहा "लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया ।" इसपर इव्हान ने कहा "वह प्रथम था ही ।यह प्रतियोगिता उसी की थी।" पत्रकार ने फिर कहा " लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे" "उस जीतने का क्या अर्थ होता । मेरे पदक को सम्मान मिलता? मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता?संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है ।मैने अगली पीढी को क्या दिया होता? दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है ।"

भारतीय महिला हॉकी टीम टोकियो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची।





भारतीय महिला हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन,भारत ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया टीम को 1-0 से हराया,  इस जीत के साथ 1980 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची महिला टीम, विश्व की दूसरे नंबर की ऑस्ट्रेलिया के सामने जबरदस्त खेल।


सविता पूनिया भारतीय हॉकी टीम की #गोलकीपर 
ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को एक बार भी गोल करने का मौका नहीं दिया। भारतीय महिला हॉकी टीम की गोल कीपर सविता पूनिया के द्वारा 7 पेनल्टी कॉर्नर व 22 हिट रोकने की वजह से सेमी फाइनल में जगह बना पाई।


इंसान का किरदार किसी भी मैडल से बड़ा है ।





यह दृश्य टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की हाई जम्प फाइनल का है। फाइनल में इटली के जियानमारको ताम्बरी का सामना क़तर के मुताज़ इसा बर्शिम से हुआ। दोनों ने 2.37 मीटर की छलांग लगाई और बराबरी पर रहे ! 

उसके बाद ओलंपिक अधिकारियों ने उनमें से प्रत्येक को तीन और प्रयास दिए, लेकिन वे 2.37 मीटर से अधिक तक नहीं पहुंच पाए।

उन दोनों को एक और प्रयास दिया गया, लेकिन उसी वक़्त टाम्पबेरी पैर में गंभीर चोट के कारण अंतिम प्रयास से पीछे हट गए। 

ये वो क्षण था जब मुताज़ बरशिम के सामने कोई दूसरा विरोधी नहीं था औऱ उस पल वह आसानी से अकेले सोने के क़रीब पहुंच सकते थे!

लेकिन बर्शिम के दिमाग में कुछ घूम रहा था औऱ फ़िर कुछ सोचकर उसने एक अधिकारी से पूछा, "अगर मैं भी अंतिम प्रयास से पीछे हट जाऊं तो क्या हम दोनों के बीच गोल्ड मैडल साझा किया जा सकता है?" 

कुछ देर बाद एक आधिकारी जाँच कर पुष्टि करता है और कहता है "हाँ बेसक गोल्ड आप दोनों के बीच साझा किया जाएगा"। 

बर्शिम के पास और ज्यादा सोचने के लिए कुछ नहीं था । उसने आखिरी प्रयास से हटने की घोषणा की।

यह देख इटली का प्रतिद्वन्दी ताम्बरी दौड़ा और मुताज़ बरसीम को गले लगा कर चिल्लाया ! दोनों भावुक होकर रोने लगे ।

लोगों ने जो देखा वह खेलों में प्यार का एक बड़ा हिस्सा था जो दिलों को छूता है। यह अवर्णनीय खेल भावना को प्रकट करता है जो धर्मों, रंगों और सीमाओं को अप्रासंगिक बना देता है !!!

इंसान का किरदार किसी भी मैडल से बड़ा है ।

Sunday, August 1, 2021

पीएम मोदी दो अगस्त को डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म e-RUPI को करेंगे लॉन्च, रिजर्व बैंक ने दिया था आइडिया






प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी दो अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से e-RUPI डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।

 
प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी दो अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से e-RUPI डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे। e-RUPI एक प्रीपेड इ-वाउचर है, जिसे NPCI ने विकसित किया हैं । इससे पूरी तरह नगदरहित और संपर्करहित भुगतान होगा। e-RUPI क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के आधार पर ई-वाउचर के रूप में कार्य करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंचाया जाता है। e-RUPI प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने की अनुमति देगा।


यह डिजिटल प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। प्रीपेड होने के कारण, यह किसी भी मध्यस्थ की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का भरोसा देता है।

Featured Post

जयसिंह मांठ के आतिथ्य में गुढा गौड़जी के टैगोर शिक्षण संस्थान में युवा दिवस सम्पन्न।

झुंझुनू, गुढा गौड़जी। राष्ट्रीय युवा दिवस पर पर टैगोर शिक्षणी संस्थान गुढ़ा गौड़जी में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष जयंसिंह मांठ के मुख्य...

Popular Posts